- वर्तमान शिक्षा स्तर
वर्तमान समय में जिस तरह समाज में शिक्षा व्यवस्था चल रही है, वह कुछ हद तक संतोषजनक नहीं हैं। भारत की शिक्षा व्यवस्था में काफी बदलाव दिखे हैं परंतु कमियां भी उससे ज़्यादा दिखाई देती हैं।
किसी भी देश के विकास में शिक्षा का बहुत महत्व योगदान रहा है। हमारे देश के विकास में भी शिक्षा का महत्वपूर्ण योगदान रहता है क्योंकि शिक्षा के बिना कुछ भी संभव नहीं है। लेकिन फिल्मों के कारण शिक्षा स्तर इतना गिर गया है कि लोग शिक्षा का महत्व भुल गए हैं और स्कुलो को नाटक कक्ष के रुप में देखने लगे है।
- शिक्षा का महत्व भुल जाना
लोग शिक्षा के महत्व को भुल गए हैं और अपना सारा ध्यान अन्य बातों में देते हैं ओर अपनी उर्जा को खत्म कर देते हैं ओर उसके बाद वही छात्र शराब का सेवन करने लग जाते हैं
इसी कारण छात्र शिक्षा से दूर हो जाते हैं और शिक्षकों के सामने गलत पेश आते हैं और कामवासना के कारण वो इतना गंदा काम कर जातें जिसके कारण उनकी सारी उम्र सलाखों के पीछे कटती है।
- शिक्षा सुधार
दुसरी और शिक्षकों ने शिक्षा को सही तरीके से अच्छे ढंग से चलाने के बहुत प्रयास किये जा रहे हैं लेकिन हमारे गांव के युवा लोग शिक्षा के महत्व को भुल कर अपने ही छोटे बड़े भाई बच्चों का जीवन बर्बाद कर रहे होते हैं।
शिक्षा ही वह हथियार है जिससे देश का विकास सम्भव है और वर्तमान में जिस तरह की शिक्षा हमारे देश मे चल रही है उसमें सरकार को कुछ बदलाव लाने की ज़रूरत है। मौजूदा दौर में विशेष रूप से प्रारम्भिक शिक्षा पर ध्यान देने की ज़रूरत है ताकि बच्चों की नींव मज़बूत हो सके।
शिक्षा स्तर अब सुदृढ़ होगा। युवाओं में परिवर्तन आ रहा है अपने से कम उम्र कि लड़कीयों को बहन वह बड़ी औरतों को मां के समान दृष्टि से देख रहे हैं और नशीली वस्तुओं जैसे शराब, तम्बाकु आदि से दूर रह रहे हैं और मांस खाने वाले इंसान अब मास को काटते तक नहीं ओर जीवों की रक्षा कर रहे हैं। अपनो से बडों का आदर भाव करते हैं।
ये सब पवित्र गीता जी अध्याय 15 के श्लोक 1 से 4 व 16,17 में बताए उस तत्वदर्शी संत की शरण में जाने से होगा।
विस्तार से जानकारी प्राप्त करने के लिए पढे पुस्तक जीने की राह।
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